Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000222 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-८ विमोक्ष |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-८ विमोक्ष |
Section : | उद्देशक-३ अंग चेष्टाभाषित | Translated Section : | उद्देशक-३ अंग चेष्टाभाषित |
Sutra Number : | 222 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] ओए दयं दयइ। जे सन्निहाण सत्थस्स खेयण्णे। से भिक्खू कालण्णे बलण्णे मायण्णे खणण्णे विणयण्णे समयण्णे परिग्गहं अममायमाणे कालेणुट्ठाई अपडिण्णे। दुहओ छेत्ता नियाइ। | ||
Sutra Meaning : | जो भिक्षु सन्निधान – (आहारादि के संचय) के शस्त्र (संयमघातक प्रवृत्ति) का मर्मज्ञ है। वह भिक्षु कालज्ञ, बलज्ञ, मात्रज्ञ, क्षणज्ञ, विनयज्ञ, समयज्ञ होता है। वह परिग्रह पर ममत्व न करने वाला, उचित समय पर अनुष्ठान करने वाला, किसी प्रकार की मिथ्या आग्रहयुक्त प्रतिज्ञा से रहित एवं राग और द्वेष के बन्धनों को छेदन करके निश्चिन्त जीवन यापन करता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] oe dayam dayai. Je sannihana satthassa kheyanne. Se bhikkhu kalanne balanne mayanne khananne vinayanne samayanne pariggaham amamayamane kalenutthai apadinne. Duhao chhetta niyai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo bhikshu sannidhana – (aharadi ke samchaya) ke shastra (samyamaghataka pravritti) ka marmajnya hai. Vaha bhikshu kalajnya, balajnya, matrajnya, kshanajnya, vinayajnya, samayajnya hota hai. Vaha parigraha para mamatva na karane vala, uchita samaya para anushthana karane vala, kisi prakara ki mithya agrahayukta pratijnya se rahita evam raga aura dvesha ke bandhanom ko chhedana karake nishchinta jivana yapana karata hai. |