Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000178 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Section : | उद्देशक-५ ह्रद उपमा | Translated Section : | उद्देशक-५ ह्रद उपमा |
Sutra Number : | 178 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जे आया से विण्णाया, जे विण्णाया से आया। जेण विजाणति से आया। तं पडुच्च पडिसंखाए। एस आयावादी समियाए- परियाए वियाहिते। | ||
Sutra Meaning : | जो आत्मा है, वह विज्ञाता है और जो विज्ञाता है, वह आत्मा है। क्योंकि ज्ञानों से आत्मा जानता है, इसलिए वह आत्मा है। उस (ज्ञान की विभिन्न परिणतियों) की अपेक्षा से आत्मा की प्रतीति होती है। यह आत्म – वादी सम्यक्तता का परिगामी कहा गया है। ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] je aya se vinnaya, je vinnaya se aya. Jena vijanati se aya. Tam paduchcha padisamkhae. Esa ayavadi samiyae- pariyae viyahite. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo atma hai, vaha vijnyata hai aura jo vijnyata hai, vaha atma hai. Kyomki jnyanom se atma janata hai, isalie vaha atma hai. Usa (jnyana ki vibhinna parinatiyom) ki apeksha se atma ki pratiti hoti hai. Yaha atma – vadi samyaktata ka parigami kaha gaya hai. Aisa maim kahata hum. |